Mann ki udaan
मैं कौन हूँ.. . . .
हथेली सामने रखना कि,
सब आँसू गिरे उसमे,
जो इक रुक जायेगा हांथों पर ,
समझ लेना की वो मैं हूँ. . . .
कभी जो चाँद को देखो ,
तो तुम यूँ हि मुसकुरा देना ,
जो चल जाये हवा ठंडी ,
तो ऑंखें बंद कर लेना ,
जो झोंका तेज़ हो सबसे ,
समझ जाना की वो मैं हूँ ,
जो ज्यादा याद आऊं मैं,
तो रो लेना जी भर के ,
अगर हिचकी कोई आये तो,
समझ लेना की वो मैं हूँ।