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Thursday, 12 May 2016

भँवरा

Mann ki udaan



भँवरा 

इक भँवरा कहीं से आया, यूँ कानों में गुनगुनाया,
उसकी गुनगुनाहट में, क्या कुछ छुपा है,
संदेश है किसका,जो आकर यूँ कह गया है,
यूँ बेबाक, बेफिक्र होकर,आ गया है मेरे इतने करीब,
कानों के पास छुप के,चुपके से कुछ कह गया है,
उसके यूँ करीब आने से,दिल में कुछ तो हुआ है,
न जाने ये कैसा एहसास है,पहले न महसूस हुआ है,
प्यार को,प्यार से,प्यार तक,पहुँचाने के लिए,
न जाने कहाँ से आया है,यूँ कानों में गुनगुनाने के लिए,
पास आता है,दूर जाता है,मेरे चारो तरफ यूँ मंडराता है,
कहता है कुछ तो कह दो,प्यार से प्यार तक जाने के लिए,
जाऊं उसके पास तो, रहे कुछ गुनगुनाने के लिए

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