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Monday, 16 May 2016

वो मैं हूँ ,

Mann ki udaan

मैं कौन हूँ.. . . . 
हथेली सामने रखना कि,
 सब आँसू गिरे उसमे,
जो इक रुक जायेगा हांथों पर ,
समझ लेना की वो मैं हूँ. . . . 
कभी जो  चाँद  को  देखो ,
तो तुम यूँ हि  मुसकुरा देना ,
जो चल जाये हवा ठंडी ,
तो ऑंखें बंद कर लेना ,
जो झोंका तेज़ हो सबसे ,
समझ जाना की वो मैं हूँ ,
जो ज्यादा याद आऊं  मैं,
तो रो लेना जी भर के ,
अगर हिचकी कोई आये तो,
 समझ लेना की वो मैं हूँ।   

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