Mann ki udaan
पल
कहता है इक पल ,
हूँ बड़ा छोटा मैं ,
पलक झपकते हि ,
गुजर जाता हूँ मैं ,
कमजोर न समझना मुझे,
सब कुछ बदल सकता हूँ मैं ,
कहता है- - - हूँ बड़ा छोटा मैं।
जियो हर इक पल को ,
जी भर के इस तरह से ,
जैसे कि बस यही ,
आखिरी पल है तुम्हारा ,
अगर लेता हूँ सब कुछ,
तो दे भी देता हूँ मैं,
इक पल है गम भरा ,
तो दूजे पल में खुशियाँ,
भी भर देता हूँ मैं ,
कहता है - - - हूँ बड़ा छोटा मैं।
No comments:
Post a Comment