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Saturday, 13 May 2017

pal

Mann ki udaan


     पल 
कहता है इक पल ,
      हूँ बड़ा छोटा मैं ,
पलक झपकते हि ,
      गुजर जाता हूँ मैं ,
कमजोर न समझना मुझे,
     सब कुछ बदल सकता हूँ मैं ,
कहता है- - -                     हूँ बड़ा छोटा मैं। 
जियो हर इक पल को ,
        जी भर के इस तरह से ,
जैसे कि बस यही ,
       आखिरी पल है तुम्हारा ,
अगर लेता हूँ सब कुछ,
       तो  दे भी देता हूँ मैं,
इक पल है गम भरा ,
       तो दूजे पल में खुशियाँ,
 भी भर देता हूँ मैं ,
कहता है - - -                 हूँ बड़ा छोटा मैं।              

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