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Saturday, 13 May 2017

jeevan

Mann ki udaan


जीवन 
जीवन है यादों का ढेर ,
     जैसे पेड़ों पर कच्चे - पक्के बेर ,
कुछ सूखे पत्तों का ढेर ,
      कुछ हरे पत्तों की बेल। 
जीवन - - - - - ढेर। . 
बातों से किस्से बनते ,
       किस्सों से लम्हे ,
बनते हैं लम्हों से यादें ,
     यादों के गुच्छों में लिपटी ,
कुछ खट्टी - मीठी बातें ,
     कुछ सच्चे - झूठे किस्से ,
किस्सों से लिपटी ये बेल। 
जीवन है यादों का ढेर - - - - - 

pal

Mann ki udaan


     पल 
कहता है इक पल ,
      हूँ बड़ा छोटा मैं ,
पलक झपकते हि ,
      गुजर जाता हूँ मैं ,
कमजोर न समझना मुझे,
     सब कुछ बदल सकता हूँ मैं ,
कहता है- - -                     हूँ बड़ा छोटा मैं। 
जियो हर इक पल को ,
        जी भर के इस तरह से ,
जैसे कि बस यही ,
       आखिरी पल है तुम्हारा ,
अगर लेता हूँ सब कुछ,
       तो  दे भी देता हूँ मैं,
इक पल है गम भरा ,
       तो दूजे पल में खुशियाँ,
 भी भर देता हूँ मैं ,
कहता है - - -                 हूँ बड़ा छोटा मैं।