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Tuesday, 24 August 2021

krishna

कान्हा ने था जन्म लिया, संघॉर कंश का करने को
कुरुक्षेत्र मे पांडव संग साथ दिया सच्चाई का
ना सस्त्र उठाया ना तीर चलाया..
उपयोग किया बस जीहवा का
देकर गीता ज्ञान पार्थ को नाश
किया कौरवों का....
हरे कृष्णा.........



Friday, 31 July 2020

Rakshabandhan

Rakhi hai ek aisha tyohaar,
Jisme hai sirf bhai aur bahen ka pyaar,
Iski ahemiyat kabhi kam na pade,
Mithai, pakwan, aur Uphaar ,
Aur inme limta bhai bahan ka pyaar,
Kabhi kam na pade,
Bhai bahen door rahe ya pass,
Unki meethi takraar...aur phir ,
Manane ka vichar kabhi kam na pade...
Happy rakshabandhan.....

Tuesday, 14 April 2020

khushiyan

Mann ki udaan

Mann ki daheleej par,
aaj kadmo ki aahat kuch jyada hai,
Socha tho laha,gam hi honge jyaada,
Na kholoongi kiwad tho,
aa na payenge wo andar,
 thak kar khud hi bhaag jayege wo jhapat,
Par man kahan manta hai mera,
Khola tho dekha khushiyon ki aahat the ,
Choti se khushi ander aane ko baithe thi...
Bas phir kya tha , band kiwad khul gaye
Jitne the sansaya wo mit gaye...



Thursday, 26 October 2017

jindgi and riste

Mann ki udaan




ज़िन्दगी क्या है , रिश्तों का मेला।
    खुशियों का खेला या दुखो का रेला।
शब्दों के भंवर में , जीवन को बांधना है मुश्किल।
    रिश्तों के जाल से , जीवन को निकालना है मुश्किल।
कौन है सच्चा ,कौन है झूठा, कौन है अपना , कौन पराया।
    ये पहचानना है मुश्किल।
इस ढलते - डगमगाते ,जीवन को संभालना है मुश्किल।
    किसी जीवन में खुशियां आएँगी कैसे ,
ये पहचानना है मुश्किल।
कहते है सब मन में छिपी होती है खुशियाँ।
    जाने किस कोने में छिपी होती है खुशियां।
पंख होते है शायद ख़ुशियो के भी,
  ढूढो कितना भी पर नज़र न आती हैं  खुशियाँ।  

Saturday, 13 May 2017

jeevan

Mann ki udaan


जीवन 
जीवन है यादों का ढेर ,
     जैसे पेड़ों पर कच्चे - पक्के बेर ,
कुछ सूखे पत्तों का ढेर ,
      कुछ हरे पत्तों की बेल। 
जीवन - - - - - ढेर। . 
बातों से किस्से बनते ,
       किस्सों से लम्हे ,
बनते हैं लम्हों से यादें ,
     यादों के गुच्छों में लिपटी ,
कुछ खट्टी - मीठी बातें ,
     कुछ सच्चे - झूठे किस्से ,
किस्सों से लिपटी ये बेल। 
जीवन है यादों का ढेर - - - - - 

pal

Mann ki udaan


     पल 
कहता है इक पल ,
      हूँ बड़ा छोटा मैं ,
पलक झपकते हि ,
      गुजर जाता हूँ मैं ,
कमजोर न समझना मुझे,
     सब कुछ बदल सकता हूँ मैं ,
कहता है- - -                     हूँ बड़ा छोटा मैं। 
जियो हर इक पल को ,
        जी भर के इस तरह से ,
जैसे कि बस यही ,
       आखिरी पल है तुम्हारा ,
अगर लेता हूँ सब कुछ,
       तो  दे भी देता हूँ मैं,
इक पल है गम भरा ,
       तो दूजे पल में खुशियाँ,
 भी भर देता हूँ मैं ,
कहता है - - -                 हूँ बड़ा छोटा मैं।              

Monday, 16 May 2016

वो मैं हूँ ,

Mann ki udaan

मैं कौन हूँ.. . . . 
हथेली सामने रखना कि,
 सब आँसू गिरे उसमे,
जो इक रुक जायेगा हांथों पर ,
समझ लेना की वो मैं हूँ. . . . 
कभी जो  चाँद  को  देखो ,
तो तुम यूँ हि  मुसकुरा देना ,
जो चल जाये हवा ठंडी ,
तो ऑंखें बंद कर लेना ,
जो झोंका तेज़ हो सबसे ,
समझ जाना की वो मैं हूँ ,
जो ज्यादा याद आऊं  मैं,
तो रो लेना जी भर के ,
अगर हिचकी कोई आये तो,
 समझ लेना की वो मैं हूँ।